
ऋषिकेश में 1 से 7 मार्च तक आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का शुक्रवार को समापन हो गया। उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने योग और पवित्र गंगा की जन्मस्थली के रूप में राज्य के महत्व पर प्रकाश डाला।
समापन समारोह के दौरान सतपाल महाराज ने ऋषिकेश को ‘योग और अध्यात्म की विश्व राजधानी’ बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस पवित्र भूमि पर प्राचीन ऋषियों द्वारा विकसित योग और प्राणायाम मानवता के लिए एक उपहार बन गए हैं। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड न केवल चार धाम यात्रा का प्रवेश द्वार है, बल्कि योग और अध्यात्म का वैश्विक केंद्र भी है।”
सप्ताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम में लगभग 410 योग उत्साही लोगों ने भाग लिया, जिनमें स्पेन, कनाडा, इजरायल, जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैंड, जापान, रोमानिया, सिंगापुर, अमेरिका, मैक्सिको, इंडोनेशिया, अर्जेंटीना और अन्य देशों के 38 अंतरराष्ट्रीय योग अभ्यासकर्ता शामिल थे। गंगा के किनारे प्रतिदिन योग सत्र आयोजित किए गए।
महाराज ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में योग की भूमिका को भी रेखांकित किया और कहा कि योग और प्राणायाम ने लोगों को कोविड-19 महामारी से लड़ने में मदद की। उन्होंने कहा कि योग अब दुनिया भर में एक स्वस्थ जीवन शैली के हिस्से के रूप में व्यापक रूप से अपनाया जा रहा है।
मंत्री ने उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई पहलों की भी घोषणा की। योजनाओं में जादुंग जैसे सीमावर्ती गांवों को होमस्टे गंतव्यों के रूप में विकसित करना, ऐतिहासिक गरतांग घाटी मार्ग को पुनर्जीवित करना और प्राकृतिक बर्फ शिव लिंगम के लिए प्रसिद्ध टिम्मरसैन महादेव को धार्मिक स्थल के रूप में बढ़ावा देना शामिल है। इसके अतिरिक्त, तीर्थयात्री जल्द ही तिब्बत में प्रवेश किए बिना लिपुलेख दर्रे से कैलाश पर्वत को देख सकेंगे। केदारनाथ और हेमकुंड साहिब को और अधिक सुलभ बनाने के लिए रोपवे परियोजनाओं पर भी काम चल रहा है।
समापन समारोह में प्रसिद्ध योग प्रशिक्षकों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। पुरस्कार पाने वालों में योगाचार्य भाग्यश्री जोशी, सुरेंद्र रयाल, कपिल सांघी, स्वामी बोधी वर्धमान, योगी महेश, लक्ष्मीनारायण जोशी, स्वामी जीतानंद, योगी कमल सिंह, विपिन जोशी, एसके पांडे, नवदीप जोशी, योगाचार्य राजीव तिवारी, महंत रवि शास्त्री, चंद्र वीर पोखरियाल, योगी देवेंद्र और अनिल थपलियाल शामिल हैं।
इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया, जिनमें आयुष विभाग से राकेश प्रसाद सेमवाल, नगर निगम से मनोज बिष्ट, स्वास्थ्य सेवाओं से वंदना कंडवाल, तथा एसएचओ मुनि की रेती शामिल थे।
गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के प्रबंध निदेशक विशाल मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत किया और पर्यटन मंत्री के नेतृत्व में महोत्सव के सफल आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया। जीएमवीएन की महाप्रबंधक (प्रशासन) विप्रा त्रिवेदी ने आभार व्यक्त करते हुए आयोजन में शामिल सभी विभागों और कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की।
समारोह में जीएमवीएन के वरिष्ठ अधिकारियों सहित सहायक महाप्रबंधक एसपीएस रावत, वरिष्ठ कार्मिक प्रबंधक विश्वनाथ बेंजवाल, वित्त एवं लेखा अधिकारी चिंतामणि भट्ट तथा कई अन्य प्रमुख कर्मचारी उपस्थित थे।